Artwork

Sisällön tarjoaa NL Charcha. NL Charcha tai sen podcast-alustan kumppani lataa ja toimittaa kaiken podcast-sisällön, mukaan lukien jaksot, grafiikat ja podcast-kuvaukset. Jos uskot jonkun käyttävän tekijänoikeudella suojattua teostasi ilman lupaasi, voit seurata tässä https://fi.player.fm/legal kuvattua prosessia.
Player FM - Podcast-sovellus
Siirry offline-tilaan Player FM avulla!

एनएल चर्चा 288: इज़रायल हमास का खूनी संघर्ष और पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव

1:24:34
 
Jaa
 

Manage episode 379744002 series 2504110
Sisällön tarjoaa NL Charcha. NL Charcha tai sen podcast-alustan kumppani lataa ja toimittaa kaiken podcast-sisällön, mukaan lukien jaksot, grafiikat ja podcast-kuvaukset. Jos uskot jonkun käyttävän tekijänoikeudella suojattua teostasi ilman lupaasi, voit seurata tässä https://fi.player.fm/legal kuvattua prosessia.

इस हफ्ते चर्चा के प्रमुख विषय इजरायल और फिलिस्तीन संघर्ष, पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों की घोषणा और सुप्रीम कोर्ट ने 26 सप्ताह की गर्भावस्था को खत्म करने की मांग पर कहा कि हम किसी बच्चे को नहीं मार सकते आदि रहे.


हफ्ते की अन्य सुर्खियों में प्रवर्तन निदेशालय ने वीवो कंपनी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में एक चीनी नागरिक समेत चार लोगों को किया गिरफ्तार, बसपा सांसद दानिश अली पर विवादित टिप्पणी मामले में संसद की विशेषाधिकार समिति में के समक्ष पेश नहीं हुए भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी, इजरायल ने कहा कि हमास जब तक बंधकों की रिहा नहीं करेगा तब तक गाजा को बिजली और पानी की आपूर्ति नहीं करेंगे और आनंद विहार से कामाख्या जा रही नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस के बिहार में बेपटरी हो जाने से चार लोगों की मौत आदि शामिल रहे.


हफ्ते की अन्य ख़बरों में मणिपुर के राज्यपाल ने नागरिकों से कहा कि धार्मिक स्थलों और विस्थापितों की संपत्ति को नुकसान न पहुंचाएं, दिल्ली हाईकोर्ट ने आईआईटी दिल्ली के फेस्ट में कपड़े बदलते हुए छात्राओं की वीडियो बनाने वाले मामले में स्वतःसंज्ञान लिया, पांच राज्यों में 7 से 30 नवंबर तक होगा मतदान एवं 3 दिसंबर होगी मतगणना और बीते दिनों अफगानिस्तान में 6.3 तीव्रता के भूकंप में 24,00 से ज्यादा लोगों की मौत आदि ख़बरें शामिल रहीं.


इसके अलावा पठानकोट हमले के मास्टरमाइंड शाहिद लतीफ की पाकिस्तान में हत्या, पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के खिलाफ छह राज्यों में राष्ट्रीय जांच एजेंसी की छापेमारी, ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत-बांग्लादेश से भी पीछे भारत और इलेक्टोरल बॉन्ड को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर 31 अक्टूबर से सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आदि ख़बरें भी हफ्तेभर तक चर्चा का विषय रहीं.


इस हफ्ते चर्चा में बतौर मेहमान अंतरराष्ट्रीय मामलों की जानकार स्मिता और आंचल बोहरा शामिल हुईं. इसके अलावा न्यूज़लॉन्ड्री टीम से अवधेश कुमार ने चर्चा में हिस्सा लिया. चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के कार्यकारी संपादक अतुल चौरसिया ने किया.


चर्चा के प्रमुख विषय इजरायल-हमास युद्ध पर बात करते हुए अतुल कहते हैं, “सबसे पहले मैं जानना चाहता हूं कि इजरायल की सुरक्षा में सबसे बड़ी चूक कहां हो गई? माना जाता है कि इजरायल की तकनीकी जासूसी बहुत विकसित है. वो हर घटना पर नज़र रखने का दावा करते हैं. हमास ने जितनी संख्या में रॉकेट और बड़े-बड़े हथियारों का इस्तेमाल किया है, इसने इजरायल की छवि को तार-तार कर दिया है. क्या कोई रास्ता निकाल लिया गया है? क्या हमास इतना विकसित हो गया है कि वो इजरायली सुरक्षा को चुनौती दे पा रहा है?”


इसके जवाब में आंचल कहती हैं, “यह तो बहुत बड़ा सवाल है कि इजरायल से क्या गलती हुई और उनके पास कौन-सी तकनीक थी जिसको उन लोगों ने नज़रअंदाज किया. यह इंटेलिजेंस की असफलता तो है ही लेकिन अगर किसी ने आप पर इतना बड़ा हमला करने का मन बना लिया है तो उसे कोई भी इंटेलिजेंस एजेंसी नहीं रोक सकती. दूसरा सवाल है कि क्या इजरायल की इंटेलिजेंस के बेहतरीन होने की सिर्फ कहानियां हैं या इसमें वास्तविकता भी है.”


इसी मामले पर स्मिता कहती हैं, “जिस इजरायल को हम पेगासस, खुफिया एजेंसी, खुफिया सॉफ्टवेयर के लिए जानते हैं जो बाहर से आने वाली मिसाइलों को रास्ते में ही उड़ा देता है. उस पर इतना बड़ा हमला कैसे हो गया है यह जानने के लिए कई जांच कमेटियां बनानी पड़ेंगी. इतना तो साफ हो गया है कि इजरायल तकनीकी तौर पर उतना काबिल नहीं है जितना दुनिया मानती है.”


स्मिता आगे कहती हैं, “भले ही बेंजामिन नेतन्याहू ने कुछ पार्टियों के साथ मिलकर सरकार बनाई है लेकिन अब उनकी चुनौतियां खत्म होने वाली नहीं हैं. भले ही इस लड़ाई के लिए लगभग तमाम पश्चिमी देश उनके साथ खड़े हैं लेकिन देश के लोग चाह रहे हैं कि बेंजामिन हमास के खिलाफ कठोर कार्रवाई करें. लोगों ने उनसे सवाल पूछना भी शुरू कर दिये हैं.”


टाइम्स कोड्स

00ः00 - 03:39 - इंट्रो और ज़रूरी सूचना

03:40 - 17:10 - सुर्खियां

17:12 - 29:09 - पांच राज्यों में चुनाव

29:10 - 37:55 - सब्सक्राइबर्स के मेल

37:56 - 01:20:30 - फिलिस्तीन-इजरायल संघर्ष

01:20:30 - सलाह और सुझाव


Hosted on Acast. See acast.com/privacy for more information.

  continue reading

314 jaksoa

Artwork
iconJaa
 
Manage episode 379744002 series 2504110
Sisällön tarjoaa NL Charcha. NL Charcha tai sen podcast-alustan kumppani lataa ja toimittaa kaiken podcast-sisällön, mukaan lukien jaksot, grafiikat ja podcast-kuvaukset. Jos uskot jonkun käyttävän tekijänoikeudella suojattua teostasi ilman lupaasi, voit seurata tässä https://fi.player.fm/legal kuvattua prosessia.

इस हफ्ते चर्चा के प्रमुख विषय इजरायल और फिलिस्तीन संघर्ष, पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों की घोषणा और सुप्रीम कोर्ट ने 26 सप्ताह की गर्भावस्था को खत्म करने की मांग पर कहा कि हम किसी बच्चे को नहीं मार सकते आदि रहे.


हफ्ते की अन्य सुर्खियों में प्रवर्तन निदेशालय ने वीवो कंपनी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में एक चीनी नागरिक समेत चार लोगों को किया गिरफ्तार, बसपा सांसद दानिश अली पर विवादित टिप्पणी मामले में संसद की विशेषाधिकार समिति में के समक्ष पेश नहीं हुए भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी, इजरायल ने कहा कि हमास जब तक बंधकों की रिहा नहीं करेगा तब तक गाजा को बिजली और पानी की आपूर्ति नहीं करेंगे और आनंद विहार से कामाख्या जा रही नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस के बिहार में बेपटरी हो जाने से चार लोगों की मौत आदि शामिल रहे.


हफ्ते की अन्य ख़बरों में मणिपुर के राज्यपाल ने नागरिकों से कहा कि धार्मिक स्थलों और विस्थापितों की संपत्ति को नुकसान न पहुंचाएं, दिल्ली हाईकोर्ट ने आईआईटी दिल्ली के फेस्ट में कपड़े बदलते हुए छात्राओं की वीडियो बनाने वाले मामले में स्वतःसंज्ञान लिया, पांच राज्यों में 7 से 30 नवंबर तक होगा मतदान एवं 3 दिसंबर होगी मतगणना और बीते दिनों अफगानिस्तान में 6.3 तीव्रता के भूकंप में 24,00 से ज्यादा लोगों की मौत आदि ख़बरें शामिल रहीं.


इसके अलावा पठानकोट हमले के मास्टरमाइंड शाहिद लतीफ की पाकिस्तान में हत्या, पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के खिलाफ छह राज्यों में राष्ट्रीय जांच एजेंसी की छापेमारी, ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत-बांग्लादेश से भी पीछे भारत और इलेक्टोरल बॉन्ड को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर 31 अक्टूबर से सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आदि ख़बरें भी हफ्तेभर तक चर्चा का विषय रहीं.


इस हफ्ते चर्चा में बतौर मेहमान अंतरराष्ट्रीय मामलों की जानकार स्मिता और आंचल बोहरा शामिल हुईं. इसके अलावा न्यूज़लॉन्ड्री टीम से अवधेश कुमार ने चर्चा में हिस्सा लिया. चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के कार्यकारी संपादक अतुल चौरसिया ने किया.


चर्चा के प्रमुख विषय इजरायल-हमास युद्ध पर बात करते हुए अतुल कहते हैं, “सबसे पहले मैं जानना चाहता हूं कि इजरायल की सुरक्षा में सबसे बड़ी चूक कहां हो गई? माना जाता है कि इजरायल की तकनीकी जासूसी बहुत विकसित है. वो हर घटना पर नज़र रखने का दावा करते हैं. हमास ने जितनी संख्या में रॉकेट और बड़े-बड़े हथियारों का इस्तेमाल किया है, इसने इजरायल की छवि को तार-तार कर दिया है. क्या कोई रास्ता निकाल लिया गया है? क्या हमास इतना विकसित हो गया है कि वो इजरायली सुरक्षा को चुनौती दे पा रहा है?”


इसके जवाब में आंचल कहती हैं, “यह तो बहुत बड़ा सवाल है कि इजरायल से क्या गलती हुई और उनके पास कौन-सी तकनीक थी जिसको उन लोगों ने नज़रअंदाज किया. यह इंटेलिजेंस की असफलता तो है ही लेकिन अगर किसी ने आप पर इतना बड़ा हमला करने का मन बना लिया है तो उसे कोई भी इंटेलिजेंस एजेंसी नहीं रोक सकती. दूसरा सवाल है कि क्या इजरायल की इंटेलिजेंस के बेहतरीन होने की सिर्फ कहानियां हैं या इसमें वास्तविकता भी है.”


इसी मामले पर स्मिता कहती हैं, “जिस इजरायल को हम पेगासस, खुफिया एजेंसी, खुफिया सॉफ्टवेयर के लिए जानते हैं जो बाहर से आने वाली मिसाइलों को रास्ते में ही उड़ा देता है. उस पर इतना बड़ा हमला कैसे हो गया है यह जानने के लिए कई जांच कमेटियां बनानी पड़ेंगी. इतना तो साफ हो गया है कि इजरायल तकनीकी तौर पर उतना काबिल नहीं है जितना दुनिया मानती है.”


स्मिता आगे कहती हैं, “भले ही बेंजामिन नेतन्याहू ने कुछ पार्टियों के साथ मिलकर सरकार बनाई है लेकिन अब उनकी चुनौतियां खत्म होने वाली नहीं हैं. भले ही इस लड़ाई के लिए लगभग तमाम पश्चिमी देश उनके साथ खड़े हैं लेकिन देश के लोग चाह रहे हैं कि बेंजामिन हमास के खिलाफ कठोर कार्रवाई करें. लोगों ने उनसे सवाल पूछना भी शुरू कर दिये हैं.”


टाइम्स कोड्स

00ः00 - 03:39 - इंट्रो और ज़रूरी सूचना

03:40 - 17:10 - सुर्खियां

17:12 - 29:09 - पांच राज्यों में चुनाव

29:10 - 37:55 - सब्सक्राइबर्स के मेल

37:56 - 01:20:30 - फिलिस्तीन-इजरायल संघर्ष

01:20:30 - सलाह और सुझाव


Hosted on Acast. See acast.com/privacy for more information.

  continue reading

314 jaksoa

Tüm bölümler

×
 
Loading …

Tervetuloa Player FM:n!

Player FM skannaa verkkoa löytääkseen korkealaatuisia podcasteja, joista voit nauttia juuri nyt. Se on paras podcast-sovellus ja toimii Androidilla, iPhonela, ja verkossa. Rekisteröidy sykronoidaksesi tilaukset laitteiden välillä.

 

Pikakäyttöopas